दिल्ली मेट्रो में बिकिनी पहनकर सफर करती लड़की की तस्वीर वायरल हो गई है। इसके बाद दिल्ली मेट्रो रेल कॉरपोरेशन (डीएमआरसी) ने दो दिनों तक चुप्पी साधे रखने के बाद मर्यादित कपड़े पहनने की सलाह दी है। यह बर्ताव डीएमआरसी द्वारा अपराध माना गया है।
डीएमआरसी ने यात्रियों से मर्यादित कपड़े पहनने की सलाह दी है ताकि किसी यात्री के पहनावे से दूसरे यात्रियों की संवेदनाएं ठेस पहुंचाई न जाएँ। यात्रियों को अमर्यादित कपड़ों या बर्ताव से परेशानी हो रही है तो वह इसे डीएमआरसी को रिपोर्ट कर सकते हैं।
दिल्ली मेट्रो में रोजाना 48 लाख से अधिक यात्रियों की यात्रा होती है। डीएमआरसी ने वायरल होने वाली वीडियो के बारे में दो दिन तक चुप्पी साधे रखा, लेकिन इस घटना के बाद यह बयान जारी कर दिया गया। डीएमआरसी ने बताया कि मेट्रो के संचालन और रखरखाव अधिनियम की धारा 59 के तहत इस तरह के बर्ताव को अभद्रता की श्रेणी में
दिल्ली मेट्रो के मुताबिक, इस वीडियो के वायरल होने के बाद, यह उचित होगा कि लोग मेट्रो में मर्यादित कपड़े पहनें और यात्रा करें।
इस तरह के बर्ताव से नहीं सिर्फ यात्रियों को दिक्कत होती है, बल्कि इससे यात्रा के बीच असुरक्षित माहौल भी पैदा होता है। इसलिए, सभी यात्रियों से डीएमआरसी अपील करती है कि वे यात्रा के दौरान मर्यादित कपड़े पहनें और अभद्रता से बचें।
इस घटना से हम सबको यह सीख मिलती है कि हमें समाज की मर्यादाओं का सम्मान करना चाहिए। हमें अपनी आदतों को बदलने की जरूरत है और अन्य लोगों की भावनाओं का सम्मान करना चाहिए। इससे न केवल हम खुद को बल्कि समाज को भी सम्मानित रख सकते हैं।
अंत में, हम यह समझते हैं कि यह दुनिया सबके लिए है और हमें सभी के साथ एकजुट होकर जीना चाहिए। समाज में संवेदनशीलता को बढ़ावा देने के लिए, हमें आपसी समझदारी का पालन करना चाहिए। सभी को समानता का सम्मान करना चाहिए और दूसरों की भावन
यह समझना महत्वपूर्ण है कि यह नियम न केवल मेट्रो कर्मचारियों के लिए है, बल्कि सभी यात्रियों के लिए है। इससे लोगों को एक अनुशासन भी सीखना चाहिए जो सामाजिक उत्थान का मूल मंत्र है।
अंततः, हमारी समाज की एक प्रमुख समस्याओं में से एक है सामाजिक अभिशाप जैसे अभद्रता और अश्लीलता। इन समस्याओं का समाधान हमारे अनुशासन और संवेदनशीलता में है। इसलिए, डीएमआरसी के निर्णय का समर्थन करना सभी नागरिकों की जिम्मेदारी है। इस प्रकार के बर्ताव से बचना हमारी जिम्मेदारी है ताकि हम समाज में आपसी समझ और सम्मान को बढ़ा सकें।